सीतापुर, यूपी
यूपी के सीतापुर ज़िले में ज़िलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार तुगलकी आदेश जारी किया है, इसमें ज़िले के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और चपरासियों को आदेश दिया है कि वे अपने घर में शौचालय का प्रयोग करते हैं, इसकी पुष्टि के लिए शौचालय के सामने खड़े होकर तस्वीर खिचाएं। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर 27 मई तक तस्वीर जमा नहीं कराई गई तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी।
मालूम हो कि सीतापुर की डीएम शीतल वर्मा ने 23 मई को ज़िले के 56 ऑफिसरों को निर्देश दिए थे कि उनके विभागों में कार्यरत स्टाफ की शौचालय प्रयोग करने की तस्वीरें डीपीआरओ को भेजी जाएं। डीएम ने कहा था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत केन्द्र व राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 तक सभी गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित करने का कार्यक्रम तय किया है। इसके तहत हर परिवार में शौचालय होना अनिवार्य है। इसलिए सभी कर्मचारियों को इस तरह की तस्वीर भेजने का आदेश दिया गया है।
ज़िलाधिकारी शीतल वर्मा के निर्देशों के मुताबिक ऐसा न करने वाले की सैलरी रोक दी जाएगी। यह आदेश शुक्रवार को सुर्खियों में आया तो इसका विरोध भी शुरू हो गया। दरअसल सबसे अधिक शिक्षक, कर्मचारी बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। विभाग की महिला शिक्षकों ने भी इस पर पर्दे के पीछे से आपत्ति दर्ज कराई है। वे चाहतीं हैं कि प्रमाण पत्र ज़रूर लिया जाए लेकिन फोटो समेत प्रमाण पत्र देने का आदेश वापस लिया जाए।
महिला कर्मचारियों की मांग को देखते हुए शिक्षक संघ ने आंदोलन का रुख अपना लिया है। बेसिक शिक्षक संघ के ज़िलाध्यक्ष राज किशोर सिंह ने शुक्रवार को बीएसए से मिलकर मांग की है कि प्रमाण पत्र लिया जाए लेकिन साथ में फोटो संलग्न करने की अनिवार्यता समाप्त की जाए। लेकिन बीएसए ने डीएम का आदेश पालन करने का वास्ता देकर मांग ठुकरा दी।