दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा अतिक्रमणों को हटाने की गई कार्रवाई के बाद लोगों में जबरदस्त रोष देखने को मिला। मुस्लिम समुदाय के लोग इस बात को लेकर बेहद खफा हैं कि निगम की जेसीबी मशीन (बुलडोजर) ने उनके धार्मिक स्थल के बाहरी हिस्से को तोड़ दिया जबकि मंदिर पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। इस संबंध में नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त नहीं किया गया है, धार्मिक स्थल के गेट से पहले नाले पर जो अतिक्रमण किया गया था उसे ढहाया गया है।
जावेद का कहना है कि नगर निगम के बुलडोजर ने मस्जिद के मुख्य गेट के सामने के हिस्से की तरफ की दोनों दीवार को ढहा दिया। इतना ही नहीं धार्मिक स्थल में बनी दुकानों के बाहर जो सामान रखा था तो उसे तोड़ डाला । उनका कहना है कि सामान को तोड़ दिया कोई बात नहीं, लेकिन धार्मिक स्थल को तोड़ना सही नहीं है। यह खुदा का घर है। साजिद शेख का कहना है कि उनकी दुकान के बाहर को सामान तोड़ दिया गया, निगम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर धार्मिक स्थल पर भी कार्रवाई कर दी। साहिन का कहना है कि मंदिर पर तो कार्रवाई नहीं की गई और उनके धार्मिक स्थल को तोड़ दिया गया। यह सब एक तरफा कार्रवाई का परिणाम है।
ना कबाड़ रहेगा ना कबाड़ी-महापौर राजा इकबाल
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर राजा इकबाल सिंह का कहना है कि ना तो कबाड़ रहेगा और ना ही कबाड़ी। अतिक्रमण को लेकर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी चाहे वह किसी भी धर्म का हो। जहांगीरपुरी में अतिक्रमण को लेकर दो बार निगम की तरफ से काईवाई की थी। इससे पहले इसी क्षेत्र में पांच बार अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई की गई। कुछ दिन पहले जहांगीपुरी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों की तरफ से सिविल लाइंस के डीसी को कबाड़ियों द्वारा अतिक्रमण किए जाने को लेकर शिकायत दी गई थी। महापौर ने कहा कि जो व्यक्ति सरकारी जमीन पर कब्जा करेगा कार्रवाई की जाएगी। महापौर ने मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा एकतरफा कार्रवाई किए जाने के आरोप को निराधार बताया उन्होंने कहा कि सबसे पहले गुप्ता जूस कार्नर और झा पान कार्नर दुकान से कार्रवाई शुरू की गई थी। धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह उनके संज्ञान में नहीं है।