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18 Jan 2025, Sat

महाराष्ट्र के पुणे में स्थित तीन डिफेंस कंपनियों के 7000 कर्मचारी मंगलवार से राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन में शामिल होंगे। इसके चलते इन तीनों ही कंपनियों में डिफेंस प्रोडक्शन ठप्प होने का खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि यह प्रदर्शन सरकार के उस प्रस्तावित फैसले के खिलाफ हो रहा है, जिसमें ऑर्डिनेंस कंपनियों का निगमीकरण करने पर विचार किया जा रहा है।

मालूम हो कि पुणे में Ammunition Factory, खादकी, High Explosive Factory और Ordananace Factory, देहु रोड स्थित हैं। ये तीनों ही कंपनियां तीन बड़ी यूनियन ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलोयीज फेडरेशन, इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ द्वारा संबद्ध हैं। ऐसे में ये तीनों ही यूनियन से जुड़े कर्मचारी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। वहीं अधिकारियों की कई यूनियनें भी इस विरोध प्रदर्शन को अपना-अपना समर्थन दे रही हैं।

इन तीनों ही यूनियों के महासचिवों द्वारा केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि ‘ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का यदि निगमीकरण कर दिया गया तो इससे 82000 कर्मचारियों और उनके परिजनों का भविष्य प्रभावित होगा। इन 82,000 में से 44,000 को तो जनवरी, 2004 के बाद ही नौकरी मिली है। इन सभी ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बड़ी ही इच्छाओं और अपेक्षाओं से ज्वाइन की है। उनके पेंशन का अधिकार पहले ही लिया जा चुका है। ऐसे में कॉरपोरेटाइजेशन करने के फैसले से सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। ऐसे में सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।’

मालूम हो कि जुलाई के आखिरी सप्ताह से ही डिफेंस कंपनी के कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू किया है, जो कि एक महीने तक चलेगा। पुणे की ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों की बात करें तो कंपनी के फायर ब्रिगेड, मेडिकल स्टाफ और जरुरी मेंटिनेंस स्टाफ को छोड़कर बाकी सभी स्टाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। इसके चलते इन कंपनियों में प्रोडक्शन का काम बुरी तरह प्रभावित होगा।

नेशनल डिफेंस ग्रुप बी गजैटेड ऑफिसर एसोसिएशन भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रही है। वहीं रक्षा मंत्रालय ने सभी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि यदि सर्विस मैनेजमेंट एक्ट का उल्लंघन हुआ तो यह प्रदर्शन गैरकानूनी मानी जाएगी।

By #AARECH