अब्दुल अज़ीज़
नोएडा
NIA के डिप्टी एसपी तंजील अहमद की घायल पत्नी फ़रज़ाना की 12 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गयी है। फ़रज़ाना ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आज दोपहर लगभग 12.20 बजे अंतिम सांस ली। हमलावरों के उन्हें 7 गोलियां मारी थी।
बीते 2 अप्रैल को तंजील अहमद के ऊपर बिजनौर जनपद के सहसपुर में उस वक़्त प्राण घातक हमला किया गया था जब वह अपनी भांजी की शादी कार्यक्रम से लौट रहे थे। उन पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में तंजील अहमद की मौके पर ही मौत हो गयी थी जबकि उनकी पत्नी को भी गोलियां लगने से गम्भीर रूप से घायल हो जाने की वजह से नोएडा के फॉर्टिस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
तंजील अहमद को 24 गोलियाँ लगी थी जबकि फ़रज़ाना के 7 गोलियाँ लगी थी। घटना के शुरूआती दौर से ही फ़रज़ाना की स्थिति खराब थी और अंतिम समय तक उन्हें होश नही आया था जबकि डाक्टरों के एक पैनल के माध्यम से उनका बेहतर इलाज करते हुए उनको बचाने के हर सम्भव प्रयास किये गये। इनके लिए ख़ासतौर से एम्स के डॉक्टरों की भी मदद ली गई थी और उन्ही के मशवरे पर कल दोपहर को नोएडा से दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया था। जहां आज काफी प्रयास के बाद भी उनको नही बचाया जा सका।
तंजील अहमद की हत्या के बाद उनकी पत्नी की स्थिर दशा को देखते हुए उनके जल्द सेहतयाब होने की दुआएं भी की गयी लेकिन आखिरकार फ़रज़ाना अपनी ज़िन्दगी की जंग हार ही गयी और 12 दिनों तक मुसलसल जंग करते हुए आज 12.20 के आस पास दम तोड़ दिया।
तंजील अहमद हत्याकाण्ड को लेकर देश और प्रदेश में जहां जनता जनार्दन चिंतित दिखाई देती रही वहीं इनके परिजनों का ये भी आरोप रहा कि तंजील अहमद जैसा देश का सिपाही जो अपने कर्तव्यों की पूर्ति की वजह से आतंकियों के निशाने पर था, उसकी इस दुसाहसिक हत्या पर एक आँसू बहाने केंद्र सरकार की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उनके घर नही आया। जबकि दूसरी तरफ यूपी की पुलिस घटना के बाद से ही इस हत्याकाण्ड के खुलासे को लेकर एक पक्षीय रवैया अपना रही थी और वह तंजील अहमद हत्या को निजी रंजिश मान रही थी बल्कि उसने तो कल ही बाकायदा तौर से उसका खुलासा भी करते हुए अपनी बात को साबित भी कर दिया कि इस काण्ड के पीछे आपसी रंजिश ही रही।
अब सवाल उठता है कि अपने खुलासे में पुलिस ने इस तथ्य से जुड़े कोई भी ठोस प्रमाण नही पेश किये हैं। कुल मिला कर तंजील अहमद की हत्या और उसके बाद के घटनाक्रम जिसमें उनकी पत्नी का इलाज भी शामिल है, सभी कुछ शक के दायरे में है और उनके परिजन भी इस कार्यवाही से असन्तुष्ट दिखाई पड़ रहे है। तंजील अहमद के दो बच्चे हैं जो घटना के समय साथ थे और पिता के कहने पर कार में नीचे दब गये थे जिससे वह महफ़ूज़ रह गये, लेकिन कुछ भी हो उनके सर से आज माँ और बाप दोनों का साया उठ गया जो एक बेहद दर्दनाक है। फ़रज़ाना के इलाज से लोगों को आशाएं थी कि कम से कम इन बच्चों पर माँ के आँचल का ही साया रहेगा लेकिन शायद नियत को ये मंजूर नही था और ये बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गये है।