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3 Dec 2024, Tue

प्रणब मुखर्जी के RSS मुख्यालय जाने के कार्यक्रम पर कांग्रेस हैरान

CONGRESS REACT ON PRANAB MUKHARJI TOUR IN RSS HEAD OFFICE 1 290518

नई दिल्ली

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को आरएसएस मुख्यालय में संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। प्रणब मुखर्जी का ये0 कार्यक्रम नागपुर में रखा गया है। प्रणब मुखर्जी के इस फैसले से अधिकतर कांग्रेस नेता आश्चर्य में हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी इस वक्त विदेश में हैं जिस वजह से उनकी इस मामले पर टिप्पणी सामने नहीं आई है। लेकिन कांग्रेस के कई नेताओं ने इस पर अपनी राय दी है।

प्रणब मुखर्जी के कार्यालय के एक अधिकारी ने पुष्टि कर कहा कि, “ये सही है कि वे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर जाएंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे।” मालूम हो कि प्रणब मुखर्जी अपने पूरे राजनीतिक कार्यकाल में कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। कांग्रेस के शासनकाल के दौरान वह वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री समेत कई महत्त्वपूर्ण पदों पर भी रहे हैं। वहीं उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि उनके और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कई सालों से अच्छे संबंध हैं।

आरएसएस मुख्यालय नागपुर में सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद प्रणब मुखर्जी और मोहन भागवत की तकरीबन चार बार मुलाकात हो चुकी है। इससे पहले साल 2015 में जब बीजेपी गठबंधन ने बिहार विधान सभा चुनाव में हार का सामना किया था तो उसके एक दिन बाद दोनों के बीच मुलाकात हुई थी। इस दौरान मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी को संघ की कुछ पुस्तकें भी भेंट की थीं।

साल 2017 में जब प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति पद से कार्यकाल खत्म हुआ, तब भी इन दोनों की मुलाकात हुई थी। इन मुलाकातों पर संघ के कार्यकर्ता का कहना है कि ये सभी मुलाकात एक अनौपचारिक मुलाकात थी और इसका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था।

कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया कि वह प्रणब मुखर्जी ही थे जिन्होंने 2010 के अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के बुराड़ी सत्र में राजनीतिक प्रस्ताव रख उस समय की यूपीए सरकार से कहा था कि वह आरएसएस, आतंकवाद और उनके अन्य संगठनों के बीच संपर्क की जांच करे। जिनका अभी हाल ही के मामलों में खुलासा हुआ है। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने ये कहते हुए कि उन्हें मुखर्जी के ऐसे किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में पता नहीं है, कुछ भी कहने से मना कर दिया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि, “प्रणब मुखर्जी एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं। वह भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं, वह धर्मनिरपेक्षता को मानते हैं, तो वहां जाकर भी उनके व्यवहार में किसी प्रकार का अंतर नहीं आएगा। वह पहले के जैसे ही रहेंगे।” वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी से जब पूछा गया कि मुखर्जी के इस फैसले को पार्टी किस तरह से देख रही है तो उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि श्रेष्ठ व्यक्ति जो इस सवाल का जवाब दे सकता है, वह पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी खुद हैं। उन्हें निमंत्रण दिया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है, यानि प्रत्यक्ष तौर पर वह जा रहे हैं। तो अगर इससे संबंधित कोई भी प्रश्न है तो इसका बेहतर जवाब मुखर्जी ही दे पाएंगे।”

मालूम हो कि आरएसएस गर्मी के सीजन में पूरे देश में ट्रेनिंग कैंप आयोजित करता है। ये ट्रेनिंग तीन साल के लिए आयोजित होती है। वहीं जो अंतिम वर्ष का कैंप होता है उसे ‘तृतीया वर्ष शिक्षा वर्ग’ के नाम से जाना जाता है। इसका आयोजन प्रति वर्ष संघ के मुख्यालय नागपुर में होता है।