गोरखनाथ मंदिर गेट पर तैनात पीएसी जवानों पर हमले के बाद आज शाम तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का प्रोटोकॉल नहीं आया है लेकिन बताया जा रहा है कि सीएम शाम छह बजे तक गोरखपुर पहंच सकते हैं। इस बीच एटीएस ने कल की घटना की जांच शुरू कर दी है। सरकार ने इस मामले की जांच एंटी टेररिज्म स्क्वायड (एटीएस) को सौंप दी है।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट के जरिए इस घटना पर रोष जताया है। उन्होंने लिखा-‘गोरखनाथ मंदिर में अवैध रूप से घुसने एवं सुरक्षाकर्मियों पर हमले का प्रयास अत्यंत दु:खद एवं निंदनीय है। प्रदेश सरकार ने इस घटना की जांच करने के निर्देश दिए हैं।’ प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले में टेरर एंगिल से फिलहाल इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि आरोपी ने गेट के बाहर जवानों पर हमला किया मंदिर में जबरन घूमने की कोशिश की। इस दौरान से उसने धार्मिक नारे भी लगाए। एएनआई से बात करते हुए एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले को एटीएस को सौंप दिया गया है। मामले में टेरर एंगिल से इनकार नहीं किया जा सकता। इसकी गहनता से जांच की जाएगी। वहीं गोरखपुर के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि आरोपी ने धार्मिक नारे लगाते हुए गोरखनाथ मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की लेकिन उसे रोक दिया गया। घटना में दो पुलिसवाले घायल हैं। उनका इलाज कराया जा रहा है। आरोपी के खिलाफ धारा 307 (हत्या के प्रयास) सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या हुआ था
रविवार की देर शाम गोरखनाथ मंदिर मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे। तब वहां 20वीं बटालियन पीएसी के दो जवान गोपाल गौंड़ और अनिल पासवान ड्यूटी पर थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अहमद मुर्तुजा अब्बासी हाथ में बैग लिए गोरखनाथ मंदिर के मुख्य गेट पर पहुंचा। उसने कुर्सी पर बैठे पीएसी जवानों से धक्कामुक्की शुरू कर दी। फिर अचानक उसने बैग से कपड़े में लपेटकर रखी बांकी (धारदार हथियार) निकाली और ताबड़तोड़ प्रहार करने लगा। हमलावर ने सीधे पीएसी जवानों पर हमला बोला। इस दौरान उसने धार्मिक नारे भी लगाए। उसने धारदार हथियार से प्रहार कर गोपाल गौंड़ और अनिल पासवान को घायल कर दिया और लगातार हमले कर रहा था। वह जिसे देखता, उसी की तरफ दौड़ पड़ता था। वह मंदिर परिसर के अंदर जाने लगा तो वहां तैनात अन्य सुरक्षाकर्मियों ने सतर्कता दिखाई।
जान हथेली पर लेकर दबोचा
हाथ में हथियार लिए हमलावर लोगों को डराता-धमकाता आगे बढ़ रहा था तभी यूपीपी के कांस्टेबल अनुराग राजपूत और एलआईयू में तैनात अनिल गुप्ता ने दिलेरी दिखाई। कांस्टेबल अनुराग ने सरकारी असलहा थोड़ी दूरी पर खड़े साथी को थमा दिया और बांस का टुकड़ा लेकर हमलावर की तरफ बढ़ा। हमलावर के हाथ में धारदार हथियार था लेकिन इसकी परवाह किए बगैर उस पर टूट पड़ा। उसकी मदद में एलआईयू जवान अनिल भी पहुंच गया। दोनों हमलावर पर टूट पड़े। कुछ स्थानीय लोगों ने मदद की और दोनों जवानों ने हमलावर को धर दबोचा। 10 मिनट के अंदर हमलावर पर काबू पा लिया।