लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में हिंसा जारी है। शनिवार की शाम 24 परगना जिले के नजत इलाके में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हुए हैं। दोनों ही पार्टी के सूत्रों ने इस बात का दावा किया है। हालांकि पुलिस ने इन मौतों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। पुलिस का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या पुलिस दल को घटनास्थल पर भेजा गया था। भाजपा के सूत्रों ने दावा किया है कि संबंधित इलाके से पार्टी के झंडे हटाने पर हिंसा की शुरुआत हुई।
भाजपा नेता सायंतन बसु ने बताया कि उनकी पार्टी के तीन कार्यकर्ता (सुकांता मंडल, प्रदीप मंडल और शंकर मंडल) की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह टीएमसी कार्यकर्ताओं को भाजपा के झंडे हटाने से रोक रहे थे।
बसु ने बताया, “हमें अपने तीन कार्यकर्ताओं का शव मिला है। हमने सुना है कि दो और कार्यकर्ताओं की भी मौत हो गई है लेकिन अभी उनके शव नहीं मिले हैं। वो हमारी पार्टी के झंडे और पोस्टर हटाने की कोशिश कर रहे थे, जब हमने विरोध किया तो हमारे कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय का कहना है कि पार्टी इस घटना के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह को बताएगी। वहीं टीएमसी भी दावा कर रही है कि उसके एक समर्थक की मौत हो गई है।
3 BJP workers shot dead by TMC goons in Sandeshkhali, West Bengal. @mamataofficial is directly responsible for unleashing violence against BJP workers.
We will be reaching Union Home Minister Sh @amitshah ji to apprise him of Sandeshkhali killings.
— Mukul Roy (@MukulR_Official) June 8, 2019
24 परगना जिले के अध्यक्ष और मंत्री ज्योतिप्रियो मुल्लिक का कहना है कि उनकी “पार्टी के कार्यकर्ता कायुम मोल्लाह को भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने गोली मार दी है।”
इस मामले पर भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी कैलाश विजयवर्गीय का कहना है, “केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है और मुझे यकीन है कि केंद्र इसे गंभीरता से लेगी। घटना को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है।”