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8 Oct 2024, Tue

बरेली

चिन्मयानंद पर यौन शोषण और रेप का आरोप लगाने वाली 23 साल की पीड़िता का एक साल नुकसान होने वाला है। दरअसल रंगदारी मामले में शाहजहांपुर की जेल में बंद एलएलएम की छात्रा द्वितीय वर्ष की परीक्षा नहीं दे पाएगी। महात्मा गांधी ज्योतिबा फुले रूहेलखंड यूनिवर्सिटी ने कम अटेंडेंस की वजह से परीक्षा में बैठने से रोक लगा दी है। यह तब हो रहा है जब सीजेएम कोर्ट ने पीड़ित छात्रा को परीक्षा देने की अनुमति दे रखी है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि पुलिस अभिरक्षा में पीड़िता को एग्जाम के लिए बरेली ले जाया जाए।

जेल अधीक्षक को दी गई जानकारी
मंगलवार को पीड़ित छात्रा को पुलिस अभिरक्षा में बरेली लाया जाएगा, लेकिन उसे एग्जाम देने की अनुमति नहीं होगी। लॉ विभाग के हेड अमित सिंह ने बताया कि पीड़ित छात्रा का जीरो अटेंडेंस है। इतना ही नहीं उसने इंटरनल एग्जाम भी नहीं दिया है। लिहाजा परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिल सकती। उधर यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ सुनीता ने बताया कि इस संबंध में जानकारी जेल अधीक्षक शाहजहांपुर को भेजी जा चुकी है।

स्टूडेंट के वकील ने बताया अवमानना का मामला
उधर लॉ स्टूडेंट के वकील कलविंदर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि यह एक स्पेशल केस है। क्योंकि चिन्मयानन्द के कॉलेज में पढ़ाई नहीं हो सकती। जिसके बाद पीड़ित छात्रा को बरेली के किसी कॉलेज में एडमिशन कराने का निर्देश दिया था। अब अगर यूनिवर्सिटी छात्रा को एग्जाम में बैठने नहीं देती है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी।

जेल में बंद है रेप पीड़िता
बता दें रेप पीड़िता चिन्मयानन्द से रंगदारी मांगने के मामले में शाहजहांपुर के जेल में बंद है। पीड़िता के एलएलएम द्वितीय वर्ष के एग्जाम आज से शुरू हो रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसका एडमिशन तो हो गया, लेकिन केस में गिरफ़्तारी की वजह से वह कॉलेज अटेंड अन्हीं कर सकी। लिहाजा अब तय है कि उसका एक साल बर्बाद जाएगा।

 

By #AARECH