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6 Oct 2024, Sun

कोरोनाकाल में सबको पता चली आयुष पद्धति की अहमियत- आयुष मंत्री

लखनऊ, यूपी

कोरोनाकाल में पूरी दुनिया में जब तबाही मचाई हुई थी और इलाज की सभी विधाए फेल हो गई थी तब आयुष पद्धति ने लोगों को एक रास्ता दिखाया। दरअसल इलाज के लिए और अपना रोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आम लोग आयुष की तरफ आए। देश में आयुष पद्धचि को लेकर कई बड़ी परियोजनाएं काम कर रही है। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहलीं बार आयुष मंत्रालय और राज्य में योगी की सरकार बनने के बाद पहलीं बार आयुष मंत्रालय की स्थापना की गई। ये बातें उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालू ने कही। मंत्री राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम में भार ले रहे थे।

दरअसल राजधानी लखनऊ में 26 अक्टूबर 2022 को यूनानी डॉक्टर्स की संस्था नेशनल यूनानी डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन NUDWA की लखनऊ शाखा द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में “यूनानी पद्धति विकास की ओर” शीर्षक पर एक संगोष्ठी का  भी आयोजन किया। ये आयोजन लखनऊ स्थित “साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर केजीएमयू” के सभागार में किया गया। इसमें आयुष मंत्री स्वतंत्र प्रभार उत्तर प्रदेश सरकार डॉ दयाशंकर मिश्र “दयालु” मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए।

आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र “दयालु” ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में लोगों की जान बचाने में आयुष पद्धति काफी काम आई। साथ उन्होंने यूनानी पद्धति का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसकी वजह से हज़ारो लोग अस्पताल जाने से बच गए। डॉ दयाशंकर मिश्र “दयालु” ने कहा कि कोरोना के बाद अब आयुष अस्पतालों में रोगियों की संख्या में बड़ा इज़ाफा हुआ है। हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी लोगों का इलाज बेहतर तरीके से हो और सभी को दवाएं उपलब्ध हो सके। इस अवसर मंत्री ने NUDWA द्वारा प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सों में जनहित के कार्यक्रमों के संचालन करने का ज़िक्र किया। इसके साथ ही विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के द्वारा चलाए गए अभियानों में आयुष विभाग के निर्देशानुसार सक्रिय सहयोग कर कार्यक्रमों को सफल बनाने में किए गए सराहनीय सहयोग हेतु NUDWA की प्रशंसा की।

डॉ दयाशंकर मिश्र “दयालु” ने कहा कि यूनानी चिकित्सा पद्धति हिंदुस्तान की एक प्राचीन एवं आमजन में मशहूर चिकित्सा पद्धति है। आयुष विभाग, माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश सरकार, एवं केंद्र सरकार के कुशल निर्देशन में यूनानी चिकित्सा के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यूनानी जगत में कई समस्याओं को दूर करने का आश्वासन देने हुए कहा कि यूनानी चिकित्सकों को अपना बेहतर परमार्मेंस देना होगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि को तौर पर मौजूद यशभारती प्राप्त हकीम हस्सान नगरामी ने अपने स्वागत भाषण में कई बातों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यूनान में पैदा हुई ये पद्धति युरौप होते हुए भारत आई और यहीं की होकर रह गई। यहां इसे खूब सम्मान और प्यार मिला। उन्होंने कहा कि आज़ादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी, हकीम अजमल खां, अबुल कलाम आज़ाद जैसे लोगों की मेहनत से कई आयुष कालेज स्थापित हुए।

NUDWA अध्यक्ष ने मांग पत्र रखा
इस मौके पर नेशनल यूनानी डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन यानी नुदवा के अध्यक्ष डॉ मोईद अहमद ने मंत्री दयाशंकर मिश्र का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने यूनानी के लिए कई बड़े काम किए हैं। उन्होंने कहा कि दो यूनानी कालेजों के अधिग्रहण के बाद पहली बार तीसरा यूनानी कॉलेज बरेली में बन रहा है। डॉ मोईद ने मंत्री के सामने NUDWA द्वारा यूनानी चिकित्सकों की कतिपय समस्याओं को लेकर एक मांगपत्र सौंपा। इसमें आयुष चिकिसकों के चिकित्सा प्रतिष्ठानों की जांच का कार्य यूनानी डीओ के माध्यम से कराए जाने, यूनानी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के रजिस्ट्रेशन को सरलीकृत करने, आयुष चिकिसकों को उनके शिक्षण एवं प्रशिक्षण के आधार पर आकस्मिक चिकित्सा हेतु आईवी फ्लूइड के इस्तेमाल का अधिकार दिए जानेकी मांग रखी गई। इसके साथ ही यूनानी संविदा शिक्षकों एवं कर्मियों के कॉन्ट्रैक्ट नवीनीकरण को सरलीकृत करने, यूनानी इंटर्न्स की स्टाइपेंड राशि को 7,500 से बढ़ाकर 12,000 रूपये प्रति माह करने एवं यूनानी पीजी छात्रों की रूकी हुई स्टाइपेंड राशि को नियमित रूप से जारी करने तथा यूनानी पीजी छात्रों को चिकित्सकीय अवकाश की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई। डॉ मोईद ने इन मांगों हेतु एक ज्ञापन सौंपा जिस पर मंत्री दयाशंकर मिश्र ने अधिकतर मांगों पर सहमति जताते हुए सहानुभूति पूर्वक विचार कर जल्द से जल्द इन मांगों को पूरी किए जाने का आश्वासन दिया।

यूनानी जगत के दिग्गज रहे मौजूद
कार्यक्रम में डॉ अब्दुल वहीद, निदेशक- यूनानी सेवाएं, डॉ जमाल अख्तर, प्रिंसिपल- राजकीय तकमील उत्तिब कॉलेज, सीआआईएस के डिप्टी डायरेकटर नफीस अहमद व वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ ज़ियाउल हक, लखनऊ यूनानी के डीओ डॉ सिराज अंसारी, फेहमीना हास्पिटल के डायरेक्टर डॉ सलमान खालिद समेत कई लोग मौजूद रहे। इसके साथ ही यूनानी स्कालर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आमिर जमाल, बीडीए से डॉ अनीस सिद्दीकी व डॉ सिराज अहमद, अडवा से डॉ तौकीर रज़ा व डॉ मुज़तबा उसमानी, डॉ शहज़ाद आलम, डॉ ओबैदुल्ला समेत कई लोग मौजूद रहे।

NUDWA के प्रतिनिधि रहे मौजूद
इस अवसर पर NUDWA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सैय्यद मुईद अहमद, महासचिव डॉ एसएस अशरफ, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ अतीक अहमद, डॉ अलाउद्दीन, डा मोहम्मद रईस, डा शमशाद, डा आसिफ समेत अनेक राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं सदस्य तथा कार्यक्रम के आयोजक NUDWA  लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डा राशिद इकबाल, महामंत्री डा नाजिर अब्बास, कोषाध्यक्ष डा अहमद रजा, डा सिद्दीक, डा सैफ, डा आलिम, डा नाजिम, डा नूरूल हक, डा आदिल, डा महफूज, डा अख्तर, और अन्य कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे।

लखनऊ के प्राइवेट यूनानी कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक, यूनानी के यूजी एवं पीजी छात्र व इंटर्न्स, यूनानी रिसर्च सेंटर के प्रतिनिधि और यूनानी फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधि समेत लखनऊ और प्रदेश के अन्य जनपदों से आए यूनानी चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।