बस्ती, यूपी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही मंत्री और पार्टी विधायकों को ट्रांसफर-पोस्टिंग में हो रहे भ्रष्टाचार से दूर रहने की हिदायत दी हो, लेकिन इसका असर जमीन पर दिखाई होता नहीं दिख रहा है। ताजा मामला बस्ती जनपद में महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज का है, जहां आउटसोर्सिंग के माध्यम से 175 पदों पर नियुक्तियां होनी है। लेकिन पूरी भर्ती प्रक्रिया ही सत्तारूढ़ माननीयों के भेंट चढ़ते दिख रही है। आरोप लगा है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया संसद, विधायक व जिलाध्यक्ष के लेटर हेड पर हो रही है। लिहाजा मेडिकल कॉलेज में होने वाली भर्ती प्रक्रिया पर ही सवाल उठने खड़े हो गए हैं।
108 नामों की सिफारिश
आरोप है कि बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक अजय सिंह व दयाराम चौधरी और जिलाध्यक्ष पवन कसोधन ने अपने-अपने लेटर हेड पर 108 नामों को सूची अलग-अलग पदों पर करने की सिफारिश मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल को भेजी हैं। अगर इन सिफारिश पर भर्तियां होती हैं तो यह प्रतिभावान अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा।
प्राचार्य ने किया बचाव
मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ नवनीत माननीयों का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है सांसद और विधायक सभी का पत्र हमेशा आते रहता है। हमने ही कहा था कि बस्ती में स्थानीय लोगों की ही नियुक्तियां होनी चाहिए। हो सकता है कि इसी वजह से जनहित में ये पत्र लिखे गए हों। वैसे मेरे पास सैकड़ों पत्र आते हैं।
डॉ नवनीत ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में उनका कोई रोल नहीं है। दिल्ली की एक एजेंसी गुपचुप तरीके से भर्तियां कर रही है। वो जिसे चयनित करके भेजेगी उसे रख लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांसद और विधायकों ने जो भी पत्र लिखा है। हो सकता है कि व जनहित में बस्ती के लोगों को ही नौकरी मिले इसके लिए लिखा हो।
मालूम हो कि बस्ती मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग के जरिए 178 पदों पर भर्ती होनी है, जिसमें से 117 लोगों के लिए नेताओं ने पत्र लिखकर सिफारिश की है। जिन नेताओं ने सूची दी है, उनमें सांसद हरीश द्विवेदी ने 70, हर्रैया के विधायक अजय सिंह ने 28, बीजेपी जिलाध्यक्ष पवन कसौधन ने 10 और सदर विधायक दयाराम चौधरी ने 9 नामों पर जोर दिया है। सदर विधायक दयाराम चौधरी ने दबी जुबान से ही सही, लेकिन नौकरी के लिये सिफारिश की बात कबूली है।
मेडिकल कॉलेज ने इन दिनों आउट सोर्सिंग के जरिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। यहां आउटसोर्सिंग के जरिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण द्वारा नामित दिल्ली की एक एजेंसी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करने में लगी हुई है। इंटरव्यू देने आए कई कैंडिडेट्स ने एजेंसी पर पैसे का लेनदेन करने का आरोप भी लगाया है।
इन मामलों की शिकायत एमएलसी देवेंद्र प्रताप के प्रतिनिधि हरीश सिंह शासन से कर चुके हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने बताया कि कैंडिडेट्स के सिलेक्शन की सारी जिम्मेदारी एजेंसी की है। मेडिकल कॉलेज का कोई भी अधिकारी किसी की नियुक्ति नहीं कर सकते। नेताओं के लेटर पर कोई जवाब नहीं दिया गया है।