नई दिल्ली
देश के 13 राज्यों में हुए उपचुनाव में के नतीजे पर गौर करें तो बीजेपी को इन चुनवों में भारी झटका लगा है। 3 लोकसभा सीटों और विधानसभा की 29 सीटों के उपचुनाव के नतीजे से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सकते में है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में पार्टी का बेहद खराब प्रदर्शन के बाद नेतृत्व ने इन राज्यों के अध्यक्षों और प्रभारियों से रिपोर्ट तलब की है। दीवाली के बाद पार्टी नेतृत्व हार के कारणों की समीक्षा करेगा। साथ ही नेतृत्व पार्टी में जरूरी बदलावों पर मुहर भी लगाएगा।
बुरे प्रदर्शन से सकते में
दरअसल पार्टी नेतृत्व को इन राज्यों में इतने बुरे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश में पार्टी को लोकसभा की एक अहम सीट गंवानी पड़ी। इसके अलावा विधानसभा की अपनी सीट भी बरकरार नहीं रख पाई। पश्चिम बंगाल में पार्टी ने न सिर्फ दो सीटें गंवाई, बल्कि उसका वोट प्रतिशत 40 फीसदी से घट कर 15 फीसदी से भी कम रह गया।
स्मृति ईरानी को मिल सकती है ज़िम्मेदारी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि उपचुनाव में भाजपा को बड़े अंतर से अपनी दो सीटें गंवानी पड़ी है। तीन सीटों पर पार्टी उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे का पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है।
हिमाचल को लेकर बढ़ी चिंता
इस सूबे में पार्टी को अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करना है। नतीजे आने के बाद राज्य के सीएम ने हार के लिए महंगाई को जिम्मेदार बताया है। राज्य में पहले भी कई बार नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगी हैं। इस हार के बाद परिवर्तन की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। कहा जा रहा है कि पार्टी सीएम के बदलने पर भी विचार कर रही है।
राजस्थान ने भी बढ़ाई सरगर्मी
पार्टी नेतृत्व राजस्थान के नतीजे से भी सकते में है। वहां भाजपा को न सिर्फ अपनी एक सीट गंवानी पड़ी, बल्कि उसे करारी शिकस्त मिली। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खेमे ने न सिर्फ चुनाव से दूरी बनाई, बल्कि अंदरखाने नुकसान भी पहुंचाया। नेतृत्व इस बार विधानसभा चुनाव में वसुंधरा को सीएम पद का चेहरा नहीं बनाना चाहता। राज्य में नया नेतृतव उभारने की कवायद हो रही है।
पुराने चेहरे को नहीं मिलेगा टिकट
बीजेपी नेतृत्व ने कई राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन का मन बनाया था। इसके अब तक गुजरात, उत्तराखंड और कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन हो चुका है। गोवा और उत्तर प्रदेश को जल्द होने वाले चुनाव के कारण यथास्थिति बहाल रखने का निर्णय हुआ है। इसके अलावा पार्टी किसी भी राज्य में पुराने चेहरे को लेकर मैदान में नहीं उतरेगी। पहले यूपी चुनाव के बाद बदलाव पर सहमति बनी थी, लेकिन अब उपचुनाव के नतीजे के बाद निर्णय में बदलाव संभव है।