आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के चार राज्यसभा सांसदों ने टीडीपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। राज्यसभा सांसद सीएम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी ने बीजेपी जॉइन कर ली है। सांसद सीएम रमेश और वाईएस चौधरी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
वाईएस चौधरी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
ईडी ने पिछले दिनों वाईएस चौधरी से जुड़ी कंपनी के हैदराबाद-दिल्ली समेत कई स्थानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान 315 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली गई थी। दरअसल, सीबीआई की तरफ से बेस्ट एंड क्रॉम्प्टन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (बीसीईपीएल) और उसके अधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। जिसमें कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने संपत्तियां जब्त की थीं।
इस कंपनी और अधिकारियों पर 2010 से 2013 के दौरान कई बैंकों से धोखाधड़ी करने का आरोप था। इस वजह से बैंकों को करीब 364 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी मामला दर्ज किया था। यह कंपनी सुजाना ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा है, जिसके प्रमोटरों में सांसद चौधरी भी शामिल हैं।
इसके बाद अप्रैल में बैंक फ्रॉड से जुड़े एक मामले में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद वाईएस चौधरी से सीबीआई ने पूछताछ की थी। वाईएस चौधरी साल 2014 से 2018 के बीच मोदी सरकार में राज्य मंत्री थे। हालांकि बीते साल टीडीपी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद वाईएस चौधरी ने राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
सीएम रमेश पर आरोप
इसके अलावा बीजेपी में शामिल हुए टीडीपी सांसद सीएम रमेश के ठिकानों पर भी इनकम टैक्स के अधिकारियों के द्वारा छापेमारी की गई थी। सीएम रमेश की कंपनी रित्विक प्रोजेक्ट के दफ्तरों और उनके घरों सहित लगभग 17 जगहों पर छापेमारी की गई थी। रमेश रित्विक प्रोजेक्ट के प्रमोटर हैं। इसके बाद टीडीपी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ‘ऑपरेशन गरुड़’ के तहत सीबीआई के साथ मिलकर पार्टी को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।