भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस द्वारा किये गए कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होने कहा कि सरकार संघ के ऐजेंडे पर देश में शासन नहीं कर सकती है। भारतीय संविधान देश में रहने वाले सभी समुदायों को समान अधिकार देता है। उन्होंने आगे कहा कि,”मुझे संघ परिवार से इस पर सबक लेने की आवश्यकता नहीं है, यह मेरे खून में है।”
पुलिस मुख्यालय पहुंच भीम आर्मी प्रमुख
बता दें कि भीम आर्मी प्रमुख रविवार (15 दिसंबर) की रात आईटीओ में पुलिस मुख्यालय के बाहर युवाओं के साथ पहुंचे थे। उनके साथ ज्यादातर युवा दिल्लीवासी थे जो जामिया के छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में एकत्र हुए थे। वहां एकत्र युवाओं ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए, जबकि आजाद ज्यादातर पत्रकारों को जवाब देने के अलावा चुप रहे।
विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है
आजाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि मैं संविधान का रक्षक हूं और मैं चाहते हूं कि प्रदर्शनकारियों को पता चले कि वह लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा के लिए वहां बैठे हैं। मैं दलित नेता नहीं हूं, मैं संविधान के साथ खड़ा होने वाला व्यक्ति हूं। जब कोई भी ताकत इस संविधान के खिलाफ आवाज उठाती है और किसी पर अत्याचार करती है, तो मैं उस दमनकारी के खिलाफ खड़ा होता हूं। इसीलिए मैं जामिया के साथ खड़ा हूं। जेएनयू में जिस तरह से छात्रों को पीटा गया था, ठीक उसी तरह इस बार जामिया को निशाना बनाया जा रहा है। मैं यहां यह बताने आया हूं कि विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है और मैं इस पर अंकुश नहीं लगने दूंगा।
देश को विभाजित नहीं होने देंगे
बता दें कि उन्होंने जामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को केंद्र सरकार का साजिश करार दिया है और कहा है कि इस देश के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, “मुसलमान इस देश में अकेले नहीं हैं। हम अनुच्छेद 14, 15 को भंग नहीं होने देंगे। (नागरिकता) विधेयक विभाजन करने के लिए लाया गया है, और हम उन्हें इस देश को विभाजित नहीं करने देंगे।”
देश को तोड़ने का संघ का एजेंडा बर्दाश्त नहीं
आजाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी अमित शाह को याद रखना चाहिए कि संविधान क्या कहता है। इस देश को तोड़ने का संघ का एजेंडा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंदू राष्ट्र को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देश के सभी समुदायों से संबंधित है। उन सभी ने इस देश की स्वतंत्रता के लिए बहुत त्याग किया है। कोई भी उनके साथ धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है।
सरकार को वापस लेना होगा विधेयक
बता दें कि विधेयक के खिलाफ बड़े विरोध की ओर इशारा करते हुए आजाद ने कहा कि सरकार को इस विधेयक को वापस लेना होगा। नहीं तो हम सरकार को झुका देंगे। इस विरोध में शामिल होने के लिए कुछ लोग सोमवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं ताकि इसे आगे बढ़ाया जा सके।