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6 Oct 2024, Sun

आजम खान को नहीं मिली राहत, जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ एक के बाद एक दर्ज मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार ने कहा कि आजम खान आदतन अपराधी हैं और उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए. वहीं सपा नेता के वकील ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है. उच्चतम न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

आजम खान के खिलाफ दर्ज हुए हालिया एफआईआर को लेकर यूपी सरकार ने बताया कि वर्ष 2020 में मामले में FIR दर्ज हुई थी और 2022 में आज़म खान का नाम जोड़ा गया. इस पर कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में आज़म खान का नाम जोड़ने के लिए शिकायतकर्ता ने दो साल का समय क्यों लगाया. वहीं आज़म खान के वकील सिब्बल ने कहा यह एफआईआर तब दर्ज हुई जब आज़म जेल में थे.

आज़म खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि आज़म खान का जब बयान दर्ज किया जा रहा था तब उन्होंने जांच अधिकारी को धमकी दी है. इस दौरान एएसजी ने आज़म खान द्वारा अधिकारियों को दी गई धमकी कोर्ट रूम में पढ़ी. उन्होंने बताया, ‘आज़म खान ने कहा था कि मैं अभी मरने वाला नहीं हूं. मेरी सरकार आएगी तो एक-एक का बदला लूंगा और तुम्हें भी इस जेल में आना होगा. मेरी सरकार आने दो देखो क्या हाल करता हूं, जिस SDM ने मेरे खिलाफ मुकदमा किया उसको छोडूंगा नहीं, मेरी सरकार आने दो.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह धमकी नहीं है यह तो नेता रोज़ कहते हैं. वहीं आज़म खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा आज़म खान दो साल से जेल में हैं, उन्हें अब जमानत दे दी जानी चाहिए. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हम आज़म खान की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं.

यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि ‘आज़म खान आदतन अपराधी हैं. वह ज़मीन पर कब्जा करते हैं. कई शिकायतें दाखिल हुई हैं. उनकी ओर से दिए गए सारे दस्तावेज़ फर्जी हैं. उन्होंने जमानत नहीं मिलनी चाहिए. वहीं आज़म खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल का उस स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है. वह उस स्कूल को नहीं चलते हैं. बस उसके चेयरमैन हैं. बस एक पत्र है, जिसमें उनकी कस्टडी की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई सुरक्षित रख ली.