जौनपुर, यूपी
बक्शा थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव में सोमवार की भोर में दबिश देने गए एक सिपाही को परिजनों ने कमरे में बंद करके बंधक बना लिया। परिवार वालो ने आरोप लगाया कि दविश के नाम पर घर मे जबरन घुसकर सिपाही महिलाओं के साथ छेड़खानी व परिजनों के साथ अभद्रता कर रहे थे। चार घण्टे बाद सीओ सदर नृपेंद्र द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर परिजनों ने सिपाही को मुक्त किया। इस दौरान दरवाजे पर पुलिस और परिजनों के बीच नोकझोक होती रही।
जौनपुर जिले के बक्शा क्षेत्र के रावतपुर गांव में आज लड़की के साथ छेड़खानी और मारपीट के आरोपी को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम और आरोपी के परिवार वालो के बीच जमकर नोक झोक हुआ इस दरम्यान परिजनों ने एक सिपाही को घर के अंदर बंद करके बंधक लिया , मौके की नजाकत देखते हुए अन्य पुलिस वाले भाग निकले , सिपाही को बंधक बनाये जाने की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। सूचना मिलते ही सीओ सदर भारी पुलिस फ़ोर्स मौके पर पहुंचकर किसी तरह से परिवार वालो को समझा बुझाकर बंधक बनाये गए सिपाही को मुक्त कराया।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि मेरे परिवार की बेटी को स्कूल जाते समय कुछ युवक छेड़ खानी करते थे, इसी विवाद को लेकर मारपीट हुई थी। आरोप है कि बक्शा थाना पर दोनों ही पक्षों द्वारा तहरीर दिया गया लेकिन पुलिस एकतरफा कार्रवाई करते हुए युवक के पक्ष का मुकदमा दर्ज कर दबिश के नाम पर रात को आकर मेरे घर की महिलाओं के साथ छेड़खानी व परिजनों के साथ अभद्र ब्यवहार करती थी।
बताया कि शनिवार की रात में दो बजे दबिश के नाम पर भारी संख्या में आकर घर मे घुस गए। और तांडव करने लगे। किसी तरह से उस दिन वे वापस गए। आरोप लगाया कि सोमवार की भोर में भी चार की संख्या में सिपाही घर पहुंचे और दबिश के नाम पर घर मे घुस गए। घर मे घुसने से मना करने पर सिपाही परिजनों के साथ मारपीट व अभद्रता करने लगे। साथ ही घर मे घुसकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने लगे।
नाराज परिजन एकजुट होकर सिपाहियों को कमरे में बन्द करने लगे। परिजनों का गुस्सा देखकर सिपाही मौके से भागने लगें। लेकिन एक सिपाही चंचल यादव को परिजनों ने कमरे में बंद कर दिया। सिपाही कमरे में बंद है यह खबर लगते ही अमर बहादुर के दरवाजे पर ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई। लोग मौके पर पुलिस अधीक्षक के आने की मांग करने लगे।
सूचना पाकर मौके पर सीओ सदर नृपेंद्र व सिकरारा, लाइन बाजार, सरायख्वाजा सहित कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर कमरे में कैद सिपाही को छुड़ाने का प्रयास करने लगे। परिजन एसपी के आने की मांग को लेकर अड़े रहे। लगभग चार घंटे बाद सीओ द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन माने और सिपाही को रिहा किया। परिजनों ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग किया। इस सम्बंध में सीओ सदर नृपेंद्र से बातचीत किया गया तो उन्होंने बताया कि दोषी को बख्शा नही जाएगा। पूरे मामले की जांच कराया जाएगा।