अब्दुल कय्यूम
लखनऊ, यूपी
रहमतों और बरकतों का महीना रमज़ान पूरे शबाब पर है। पहला अशरा बीत जाने के बाद ही इफ्तार पार्टी का सिलसिला ज़ोरों पर है। रमज़ान में रोज़ा रखने से रूह पाक-साफ हो जाती है। रोज़ा का मतलब सिर्फ भूखे-प्यासे रहना नहीं होता बल्कि आंख, कान, ज़ुबान यानी शरीर के हर नफ्स पर काबू करने का नाम रोज़ा है। रोजा हर बुरे कामों से रोकता है। इसी माह-ए-रमज़ान में कुरान शरीफ पैगम्बर-ए-इस्लाम पर नाज़िल हुई। इस कलाम-ए-पाक में इस्लाम की वह हर बात लिखी है और इसी तरीके से से इस्लाम चलता है।
इसी कड़ी में इफ्तार पार्टी का आयोजन रजधानी लखनऊ के बादशाहनगर रेलवे कालोनी के मनोरंजन हॉल में आयोजित की गई। इफ्तार पार्टी में आयोजक टीम ने काफी मेहनत की और आने वाले तमाम मेहमानों पर खासतौर से तवज्जो दी। इस इफ्तार की सबसे खास बात ये रही कि ये बगैर किसी बैनर या संगठन के सिर्फ गाज़ीपुर यूनिट के नाम से की गई थी। यहां तक की इनवेटेशन कार्ड में भी किसी नाम का ज़िक्र नहीं किया गया था। शायद यहीं वजह रही कि इफ्तार पार्टी में काफी भीड़ जुटी।
कई लोगों ने की शिरकत
इफ्तार पार्टी में कई क्षेत्रों के लोगों ने शिरकत की जिसमें कांग्रेस नेता सलमान बशर, माइनॉरिटी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष इबरत अली, डॉ शहज़ाद आलम, सोशल एक्टिविस्ट अमीक जामई, सोशल एक्टिविस्ट जावेद बशीर सिद्दीकी, एएमयू के पूर्व अध्यक्ष और यूनिटी कॉलेज के लॉ विभाग के हेड अब्दुल हफीज़ गांधी, रिहाई मंच के संयोजक एडवोकेट मोहम्मद शुऐब, अनिल यादव समेत कई लोग मौजूद थे।
मीडिया की मौजूदगी
मीडिया से जुड़े काफी लोगों ने इफ्तार में शिरकत की। इससमें खासतौर पर मोहम्मद नौशाद ख़ान ग़ाज़ी (प्रधान संपादक- “अल्लाह बस”- उर्दू और “दिलदार फ़िज़ा”- हिंदी) डिश्कवरी चैनल के नार्थ इंडिया हेड काशिफ, पीएनएस के संपादक डॉ अशफाक अहमद, फहद महमूद समेत कई लोग मौजूद थे।
इफ्तार पार्टी के सहयोगी
इफ्तार पार्टी की तैयारी में काफी नौजवान शामिल थे जिनमें अबुज़र सिद्दीकी, दिलशाद ख़ान, फहद क़सीम, कामरान ख़ान, नौशाद ख़ान, औरंगज़ेब ख़ान, मोहम्मद इरफान ख़ान, जुनैद ख़ान, साजिद ख़ान खासतौर पर काफी मेहनत की। इन लोगों ने सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर डटकर इंतज़ाम करते रहे।