अखिलेश की पुलिस ने इतना मारा, 16 दिन से कोमा में है आरिफ

इलाहाबाद, यूपी

ज़िले के मऊअहमा थानाक्षेत्र के दुबाही गांव के रहने वाले बेकसूर मुस्लिम नौजवान आरिफ और शफीक को पुलिस ने स्थानीय बाज़ार से अगवा कर लिया। उसके बाद एक होटल में बेकसूर आरिफ को खूब मार-पीटा गया और उसके सर पर हमला किया। मुस्लिम नौजवान आरिफ 16 दिन से कोमा में है और वह ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। आरिफ लखनऊ के सहारा अस्पताल में भर्ती है। ये कारनामा अखिलेश की तेज़तर्रार इलाहाबाद पुलिस की एसओजी टीम ने किया है। सबकुछ जानने के बावजूद इलाहाबाद के एसपी सिटी, एसएसपी और आईजी आंख बंद किए हुए हैं।

पूर्व ब्लाक प्रमुख मो. समी ने की मदद
इस घटना में मऊअहमा के पूर्व ब्लाक प्रमुख मो. समी ने काफी मदद की। उन्होंने इस मुद्दे को एसएसपी से लेकर डीजीपी तक उठाया। पीएनएस से बातचीत में मो समी ने बताया कि इस मामले में पुलिस के आलाधिकारियों का रवैया बेहद लचीला है। जिन पुलिस वालों ने अगवा किया था उनका नाम तक आईजी को बताया गया लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय समाजवादी पार्टी के विधायक सत्यवीर मुन्ना ने भी पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई के लिए कहा लेकिन सपा विधायक की भी नहीं सुनी जा रही है। दरअसल पुलिस अधिकारी अपने मातहतों को बचा रहे हैं।

कब की है घटना
ये घटना 18 नवंबर की है। आरिफ और शफीक पास के गांव देल्हूपुर में शेविंग कराने गए थे। इसी बीच स्कार्पियो में सवार इलाहाबाद की एसओजी टीम पहुंची। उन्होंने दोनों नौजवानों को जबरन गाड़ी में बैठाया और अगवा कर लिया। टीम उनकी मोटरसाइकिल भी साथ ले गई। इसके बाद पूरे इलाके में हंगामा मच गया। दोनों नौजवानों के परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की लेकिन उन्हें कुछ पता नहीं चला।

फोन से जानकारी दी
इस बीच परिवार के पास एक नंबर से काल आई जिसमें आरिफ के इलाहाबाद के एक प्राइवेट आनंद अस्पताल में भर्ती बताया गया। जब परिवार वाले अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि आरिफ ही हालत बेहद गंभीर है। उसके सर पर बड़ी चोट है। अस्पताल वालों ने बताया कि पुलिस की एक टीम ने आरिफ को फर्जी नाम से भर्ती कराया था और दवा लाने के बहाने बना कर भाग गए। भर्ती के समय सिपाहियों ने आरिफ को अपना दोस्त बताया था।

इसके बाद घर वालों ने पुलिस टीम के खिलाफ मऊअहमा थाने में तहरीर दी है लेकिन उन्हें अब धमकाया जा रहा है। दूसरी तरफ एक नौजवान शफीक सुल्तानपुर में किसी मामले में दिखाकर चालन कर दिया गया। शफीक भी काफी सदमें में है।

कार्रवाई के नाम पर पुलिस अधिकारियों की आनाकानी
इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी सिर्फ जांच की बात कर रहे हैं। इलाहाबाद के एसएसपी शलभ माथुर का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जांच होगी। एसपी सिटी विपिन हांडा ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है पता किया जा रहा है कि नौजवान को ले जाने वाले कौन थे। आईजी जोन का कहना है कि जांच की जाएगी।

अब सवाल ये है कि जब पुलिस का मामला पता है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। जिस दुकान से दोनों नौजवानों को एसओजी ले गई उसने टीम में शामिल पुलिस कर्मियों की पहचान की थी। अब पुलिस उसे भी धमका रही है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि पुलिस के खिलाफ बयान कौन देगा।

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