अलीगढ़, यूपी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अपने पूर्व छात्रसंघ सचिव आज़म खां की रिहाई के लिए इंसाफ़ मार्च निकाला। छात्रों ने सपा के मौजूदा सांसद आज़म खान की रिहाई की मांग करते हुए उन दर्ज हुए मुकदमें को फर्ज़ी बताया और उन्हें हटाने माँग की। मालूम हो कि सपा के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान अपने ऊपर दर्ज हुए कई दर्जन मुकदमों की वजह से पिछले एक साल से जेल में बंद हैं। हालांकि ने ज़्यादातर मुकदमों में ज़मानत मिल गई है। इस वक्त वो बीमार हैं और लखनऊ के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
छात्रों ने कहा कि आज़म खान मौजूदा सांसद हैं और कई बार इससे पहले भी सांसद, विधायक और कैबिनेट मंत्री तक रह चुके हैं। उन्हें फर्ज़ी आरोपों में गिरफ्तार करके कई सालों से जेल की सलाख़ों के पीछे डाला गया है। उनके खिलाफ प्रदेश सरकार ने गहरी साज़िश करके फर्जी मुकदमें दर्ज करायें हैं। छात्रों ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सभी छात्र और छात्र नेता उनके समर्थन में आवाज़ उठाते रहेंगे क्योंकि वो अलीगढ़ के अलम्नुस के साथ साथ हमारे छात्रसंघ के सचिव भी रहे हैं।
एएमयू के निर्वतमान सचिव हुज़ैफा रशादी ने कहा कि सबसे बड़ी अफ़सोस की बात यह है कि उनकी पार्टी समाजवादी पार्ट उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव को आज आज़म खान के बुरे वक़्त में जिस तरह से उनके साथ खड़ा होना चाहिए था उनके साथ खड़े नहीं है। बल्कि वो उनसे दूरी बना रखी है जबकि वो अपनी पार्टी में नम्बर 2 का क़द रखते थे। सचिव हुज़ैफा रशादी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रसंघ का पूर्व सचिव और एक अलीग होने के नाते तमाम अलीगों की जिम्मेदारी भी है कि वो इस बुरे वक़्त में आज़म ख़ान साहब के साथ खड़े हो।
एएमयू छात्रों के इस मार्च के बाद ज़िला प्रशासन के ज़रिए राष्ट्रपति को एक मेमोरेंडम भेजा गया है। इसमें उनकी रिहाई की मांग की गई है। मेमोरेंडम में कहा गया है कि आज़म खान बुरी तरह से वो बीमार हैं, और लखनऊ में भर्ती हैं। हेल्थ ग्राउंड पर उनकी रिहाई के लिए जो भी कोशिशें और कार्यवाई हो सकती हों। महामहिम राष्ट्रपति इसमें दख़ल देकर उनकी रिहाई कराए।