वाशिंगटन, अमेरिका
एक तरफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हार मानने के लिए तैयार नहीं है, तो दूसरी तरफ मिशीगन, पेनसेल्वेनिया, जॉर्जिया और अरिजोना जैसी सभी जगहों से फिलहाल उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। ट्रंप अब कोशिशों में लगे हैं कि रिपब्लिकन स्टेट लेजिस्लेटर उन राज्यों में कमान संभाले जहां डेमोक्रेट विजयी हुए हैं। हालांकि 10 राज्यों के गवर्नर खुलकर ट्रंप के विरोध में सामने आ गए हैं और खुद रिपब्लिकंस के बड़े नेता उन्हें अब हार मान लेने की सलाह दे चुके हैं।
अमेरिकी राज्य मिशीगन में भी ट्रंप की टीम ने जो बाइडन की जीत को चैलेंज करते हुए मुकदमा दायर किया था। हालांकि परिस्थियां अपने पक्ष में न देख इसे अब वापस ले लिया गया है। जो बाइडन पहले ही 306 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं, जबकि ट्रंप के हिस्से अभी तक सिर्फ 232 वोट ही नज़र आ रहे हैं। उधर प्रेजिडेंट इलेक्ट जो बाइडन ने चिंता जताई है कि अपने स्वार्थ के लिए ट्रंप देश को एक गहरी खाई में धकेल रहे हैं। जो बाइडन ने आरोप लगाया कि ट्रंप को अब कोरोना महामारी की चिंता भी नहीं है जिससे रोज हजारों अमेरिकी अपनी जान गंवा रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की टीम फिलहाल 9 राज्यों में जो बाइडन की जीत के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है। हालांकि इनमें से एक भी मामले में फिलहाल उन्हें जीत मिलती नज़र नहीं आ रही है। गुरूवार को ही अरिजोना में जज ने ट्रंप की टीम को न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि वोटों की गिनती सार्वजनिक करने के अनुरोध को भी सिरे से खारिज कर दिया। उधर विस्कॉन्सिन चुनाव आयोग ने दो काउंटी में डाले गए 8,00,000 से अधिक मतों की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर फिर से गिनती करने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया।
ट्रंप द्वारा पुनर्मतणना के लिए 30 लाख डालर का भुगतान करने के बाद आदेश कानूनी तौर पर जरूरी था। इस पर बुधवार रात पांच घंटे से अधिक समय तक बहस के बाद सहमति बनी। डेमोक्रेटिक कमिश्नर मार्क थॉमसन ने बहस के दौरान कहा, यह असाधारण है कि हम छह लोगों में इसको लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के बीच आयोग 3-3 से विभाजित है।
मिल्वाउकी और डेन काउंटी में मतों की फिर से गणना शुक्रवार से शुरू होगी और यह एक दिसंबर तक पूरी हो जानी चाहिए। यहां जो बाइडन ने ट्रंप को 2 के मुकाबले 1 से अधिक के अंतर से हराया था। ट्रंप की प्रचार टीम ने काउंटी में अनियमितताओं का हवाला दिया है, हालांकि अवैध गतिविधि का कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है। विस्कॉन्सिन के शीर्ष चुनाव अधिकारी मेगन वोल्फ ने बृहस्पतिवार को कहा, हम समझते हैं कि दुनिया की नजर अगले कुछ हफ्तों के दौरान विस्कॉन्सिन के इन काउंटी पर होगी।
दूसरी तरफ अदालत में मामला कहीं जाता नहीं देख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडन के निर्वाचन को पलटने के प्रयास के तहत अब मतों को प्रमाणित करने वाले चुनाव बोर्डों पर अपना ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। ट्रंप और उनके सहयोगी मतगणना को लेकर अनिश्चित संदेह को खत्म नही होने देना चाहते। यह जंग उन राज्यों पर केंद्रित है जो परिणाम के लिहाज से महत्वपूर्ण थे और जिन्होंने बाइडन की जीत पर मुहर लगाई।
मिशिगन में दो रिपब्लिकन निर्वाचन अधिकारियों ने राज्य की सबसे बड़ी काउंटी में शुरू में गड़बड़ी के कोई साक्ष्य नहीं मिलने के बावजूद नतीजों को प्रमाणित करने से इनकार कर दिया, बाद में अपने कदम पीछे खींचते हुए प्रमाणन की कार्रवाई पूरी की और बुधवार को एक बार फिर अपना रुख बदलते हुए कहा कि वे प्रमाणन के खिलाफ हैं।
एरिजोना में, एक ग्रामीण काउंटी में अधिकारी मतों के मिलान में रुकावट डाल रहे हैं। इसके बावजूद मिशिगन के वायने काउंटी में मंगलवार और बुधवार को जो हुआ वह इस बात का संकेत है कि तीन नवंबर को हुए चुनावों की पुष्टि की प्रक्रिया में काम कर रहे राष्ट्र की राह में अड़चने खड़ी की जा सकती हैं। केंटकी विश्वविद्याल में लॉ के प्रोफेसर जोशुआ डगलस ने कहा, यह लोकतंत्र का अंत होगा जैसा कि हम जानते हैं।