अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के जेएन मेडिकल कालेज में फॉरेंसिक साइंस विभाग में अध्यापन के दौरान हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक और आपत्तिजनक कंटेंट युक्त पीपीटी स्लाइड पढ़ाने के आरोपी प्रोफेसर जितेंद्र कुमार को गुरुवार को पुलिस ने तलब किया। आरोपी ने दो घंटे तक पूछताछ चली। इसके बाद पुलिस ने जांच में सहयोग का निर्देश दिया। साथ ही आपत्तिजनक सामग्री पढ़ाने के लिए कारण बताओ नोटिस भी तामील कराया। नोटिस का जवाब दो दिन में दाखिल करने का निर्देश दिया है। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी प्रोफेसर ने चुप्पी थामे रखी। इधर, पुलिस भी इस दौरान हुई बातचीत को गोपनीय रखे हुए है।
सीओ सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय ने बताया कि बीते मंगलवार की रात फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट की एक छात्रा ने सहायक प्रोफेसर जितेंद्र कुमार के द्वारा पढ़ाने के दौरान इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक पीपीटी स्लाइड का फोटो सहित ट्वीट किया था। इसमें हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपत्तिजनक बातें लिखी हुईं थीं। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में बुधवार को भाजपा नेता डा. निशित शर्मा की ओर से तहरीर दी गई।
तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इधर, सांसद सतीश गौतम के पीआरओ की ओर से भी तहरीर दी गई। उसे भी इसी मुकदमे में सम्मलित करने की प्रक्रिया पुलिस ने शुरू कर दी है। वहीं, प्रोफेसर को एएमयू प्रशासन ने निलंबित कर दिया है।
दो सीनियर प्रोफेसर की टीम कर रही जांच: विश्वविद्यालय ने पूरे मामले की जांच और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सुझाव देने के लिए डीन, मेडिसिन संकाय, प्रोफेसर राकेश भार्गव की सिफारिश पर दो सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। टीम में दो सीनियर प्रोफेसर को शामिल किया गया है। यह टीम शुक्रवार शाम तक अपनी रिपोर्ट सौप सकती है।
एएमयू में मिसकंडक्ट लगने वाले डॉ. जितेंद्र पहले प्रोफेसर
एएमयू की ओर से मामला संज्ञान में आने के बाद सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार मामले में प्रथम दृष्टया मिसकंडक्ट और मामले की गंभीरता को देखते हुए डा जितेंद्र कुमार को जांच पूरी होने तक सेवा से निलंबित कर दिया है। एएमयू के सूत्रों की मानें तो डॉक्टर जितेंद्र पहले प्रोफेसर है, जिन पर विश्वविद्यालय की ओर से मिस कंडक्ट लगायी गई है।
गिरफ्तारी के लिए विधिक राय लेगी पुलिस
आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने, किसी धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने, धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि यह सभी धाराएं जमानती हैं। इसके चलते अभी पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की है। मगर, पुलिस ने गुरुवार को की गई पूछताछ के साफ तौर पर कहा कि अगर जांच में सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तारी कर ली जाएगी। इसका उल्लेख नोटिस में भी किया गया है। वहीं, सीओ सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय ने बताया कि फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई जारी रहेगी। गिरफ्तारी के संबंध में विधिक राय भी ली जाएगी।
एएमयू प्रोफेसर के संबंध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एएमयू प्रशासन भी इस मामले में अपने स्तर से जांच कर रहा है। दोनों जांच रिपोर्ट में जो भी तथ्य उजागर होंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।