लौहनगरी के अहले सुन्नत मुसलमानों ने मंगलवार को हर्षोल्लास के वातावरण में ख्वाजा अजमेरी हजरत गरीब नवाज का उर्स मनाया। माहे रज्जब की छठी तिथि को घरों, मदरसों, खानकाहों और मोकाम-ए-कर्बला में फातेहा ख्वानी हुई। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में शीरनी फातेहा और लंगर की बहार रही।
खानकाह शरफ जाकिरनगर में सैदना ख्वाजा अजमरी और हजरत मौलाना शाह अबुल हसन शहीद फिरदौसी का उर्स मनाया गया। कारी मुश्ताक के कुरान पाठ के बाद हाजी अशरफ अली अशरफ एवं हाफिज शान अली ने मनकबत और नातिया कलाम का नजराना पेश किया। सज्जादानशीं मौलाना शाह हस्सान उस्मान फिरदौसी ने कहा कि बुजुर्गान-ए-दीन की तालीम से इंसानियत का पैगाम आम करें। संचालन हाजी रजी नौशाद ने किया।
फिरोज फिरदौसी कव्वाल ने ‘रहमत की यह बरसातें दिन रात मदीने में, रहती है जहां अफजल वो जात मदीने में और ‘वाह की शान से ख्वाजा की छठी आई है, शहर अजमेर में तैयबा से बहार आई है सूफियाना कलाम पेश किया। मकसूद आलम, फरीद, शेख अलीम, रविशंकर ने संगत किया। मोकाम-ए-कर्बला बिष्टुपुर में शहीदों की याद में 35 फिट ऊंचा हुसैनी परचम लहराया गया।