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12 Oct 2024, Sat

अलवर, राजस्थान

राजस्थान पुलिस के 9 मुस्लिम पुलिसकर्मियों को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं दिए जाने से शुक्रवार को अलवर में विवाद खड़ा हो गया। पुलिसकर्मियों ने यहां पुलिस अधीक्षक देशमुख परिस अनिल से गुरुवार दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद मुस्लिम समाज ने एसपी के आदेश को गलत बताते हुए इसे तुंरन्त विड्रॉ करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर सरकार से मांग कर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। विवाद बढ़ता देख अलवर एसपी बैकफुट पर आए और 9 मुस्लिम पुलिस कर्मियों को दाढ़ी नहीं रखने के आदेश को वापस ले लिया। एसपी देशमुख परिस अनिल ने प्रेस नोट जारी करते हुए शुक्रवार शाम इसकी पुष्टि की है।

इससे पहले विवाद बढ़ने पर एसपी ने कहा था कि अलवर पुलिस जिले में 32 पुलिसकर्मियों को दाढ़ी रखने की अनुमति दी गई थी लेकिन पिछले दिनों 9 लोगों को दी गई इजाज़त वापिस ले ली गई हैं। किसी पुलिस कर्मी के द्वारा फिर से मांग की जाएगी तो उन्हें कंसीडर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखते समय भेदभाव और निष्पक्षता को लेकर यह आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार के आदेश में विभागाध्यक्ष को आदेश करने के नियम है।

ASI, हैड कांस्टेबल समेत 9 पुलिस कर्मियों ने मांगी थी अनुमति
गोरतलब है कि अलवर एसपी देशमुख परिस अनिल ने गुरुवार को 9 पुलिस कर्मियों को दाढ़ी रखने की अनुमति को निरस्त कर दिया। इनमें एक एएसआई, एक हैड कांस्टेबल सहित 7 कांस्टेबल शामिल हैं। एसपी कार्यालय ने इन्हें पूर्व में दाढ़ी रखने अनुमति प्रदान की हुई थी। एसपी कार्यालय की ओर से उक्त पुलिस कर्मियों को जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में अलग-अलग तारीखों को दाढ़ी रखने की अनुमति प्रदान की गई थी। एसपी ने उक्त पुलिस कर्मियों को अब दाढ़ी रखने की अनुमति को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया।

अलवर पुलिस अधीक्षक ने एक आदेश जारी किया था। जिसकी हर तरफ चर्चा थी। जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने गुरुवार को आदेश जारी कर अलवर जिले में कार्यरत 9 पुलिसकर्मियों की दाढ़ी रखने की अनुमति को निरस्त कर दिया। आदेश के मुताबिक एएसआई इसराइल अहमद, हेडकांस्टेबल छोटे खां, कांस्टेबल अब्बास खां, असरद खान, समरदीन, जैकम खां, मुस्ताक, दीन मोहम्मद और साहिद निसार की दाढी रखने की अनुमति को निरस्त किया गया।

सोशल मीडिया पर भी चर्चा में ‘दाढ़ी’ 
उल्लेखनीय है कि इन सभी पुलिसकर्मियों को दाढ़ी रखने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से अनुमति प्रदान की हुई थी। इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा रही। कई लोगों ने इसका स्वागत किया तो कई इसके खिलाफ भी दिखे। कुछ लोगों ने कहा कि ड्यूटी के दौरान नियम की पालना करनी चाहिए, यह सबके लिए बराबर है। तो वहीं कुछ लोग इस निर्णय से खुश नहीं दिखे। उन्होंने इसे एक समुदाय विशेष से जोड़ा।

जिला मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद ने कहा कि 1999 में सुप्रीम कोर्ट/केंद्र सरकार से धर्म विशेष को दाढ़ी रखने के लिए अधिकृत माना गया। उन्होंने इस आदेश को वापस लेने की मांग की है। उधर, एसपी देशमुख परिश अनिल ने कहा कि किसी को इस विषय में आपत्ति है तो अपील कर सकता है, उस पर विचार किया जाएगा।

By #AARECH