फर्जी पहचान पत्र बनवाकर अवैध रूप से भारत में रहे रोहिंग्या खलीक अहमद की पुलिस कस्टडी रिमांड न्यायालय ने सोमवार को मंजूर कर दी है। एटीएस की अलीगढ़ यूनिट ने उसे गत 11 जून को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया था।
एटीएस को खुफिया सूचना मिली थी कि अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर के आए रोहिंग्या खलीक अहमद ने फर्जी प्रपत्रों के आधार पर भारतीय पहचान बनवा लिया है। यह जानकारी भी मिली थी कि वह अलीगढ़ के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र स्थित सुपर कॉलोनी की मस्जिद में इमाम का काम कर रहा है। इससे पहले वह देवबंद (सहारनपुर) तथा मुजफ्फरनगर में मदरसों में पढ़ा चुका था। प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या नागरिकों के खिलाफ अभियान तेज होने पर खलीक जम्मू चला गया था। जम्मू से वापस आते ही उसे अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद एटीएस के लखनऊ थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के अलावा 14 विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
एटीएस के अनुरोध पर विशेष न्यायालय (एटीएस/एनआईए) ने खलीक की 14 जून से 10 दिवसीय पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। रिमांड पर लेने के बाद एटीएस द्वारा उससे भारत में बसने में मदद करने वाले अन्य साथियों तथा फर्जी भारतीय दस्तावेज व परिचय पत्र बनवाने में सहयोग करने वालों के बारे में विस्तृत पूछताछ की जाएगी। रिमांड अवधि में उसे विभिन्न स्थानों पर ले जाकर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने और दस्तावेज जुटाने के साथ ही पूछताछ मे बताए तथ्यों का सत्यापन किया जाएगा। मूल रूप से म्यांमार के अक्याब जिले के मांगड़ू थाना क्षेत्र स्थित वली बाजार कस्बे का निवासी खलीक वर्तमान में यूपी में अलीगढ़ जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र स्थित जौहराबाग में रह रहा था।