उलेमा कौंसिल की यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

लखनऊ

यूपी में लगातार हो रहे दंगे की घटनाओं पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने राष्ट्रपति से मांग की है कि वह अखिलेश सरकार को तत्काल बर्खास्त करके यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाए। उलेमा कौंसिल का कहना है कि राज्य में चारों तरफ अराजक तत्वों का बोलबाला है। कानून नाम की चीज यूपी में नहीं रह गई है। उलेमा कौंसिल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ निज़ामुद्दीन ने एक प्रेस रिलीज़ में ये बातें कहीं है।

डॉ निज़ामुद्दीन का कहना है कि सीएम अखिलेश यादव के गढ़ मैनपुरी के कस्बा करहल में गौहत्या की अफवाह फैला कर पांच घंटे तक दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया। यहां दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया और बेकसूरों को जमकर मारा-पीटा गया। पुलिस 5 घंटे तक चुप्पी साधे रही। यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार कानून व्यवस्था कायम करने में पूरी तरह से फेल हो गई है।

दूसरी घटना गौतम बुद्ध नगर के दनकौर थाना क्षेत्र में दलित परिवार मजबूर हो कर निर्वस्त्र होने की है। पुलिस की लगातार उपेक्षा और उसके दुर्व्यवहार की वजह से दलित परिवार ने ऐसा कदम उठाया। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कौंसिल की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि दलित परिवार की ज़मीन पर किसी दबंग ने कब्ज़ा कर रखा है। इसमें ना तो पुलिस मदद कर रही है और न ही अधिकारी।

कौंसिल का कहना है कि अखिलेश सरकार के राज में लगातार दंगे हो रहे हैं। मुजफ्फरनगर का दंगा, दादरी कांड और मैनपुरी कांड। ये सरकार की नाकामी का नतीजा हैl उलेमा कौंसिल राष्ट्रपति से मांग की है कि यूपी की अखिलेश सरकार को तत्काल बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जाए।