बटला हाउस एनकाउंटर की जांच की मांग जारी
आज़मगढ़
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल 19 सितंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन करेगी। पार्टी ने इसके लिए काफी तैयारियां की हैं। 18 सितंबर को आज़मगढ़ से दिल्ली जाने वाली कैफियात ट्रेन में पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली जाएंगे। उलेमा कौंसिल हर साल 19 सितंबर को बटला हाउस एनकाउंटर की जांच की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रही है।
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने प्रदर्शन की तैयारियां काफी पहले से शुरु कर दी थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन को कामयाब बनाने के लिए लगातार जनसंपर्क किया। कल यानी 18 सितंबर को आज़मगढ़ रेलवे स्टेशन से भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता कैफियात एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना होंगे। कार्यकर्ताओं ने इसके लिए पहले से ही रिजर्वेशन करा लिया है। दूसरी तरफ दूसरे ज़िलों के कार्यकर्ताओं के दिल्ली पहुंचने के लिए भी इंतज़ाम किए गए हैं। पार्टी जंतर मंतर पर 19 सितंबर को धरना-प्रदर्शन करेगी।
मालूम हो कि उलेमा कौंसिल 19 सितंबर, 2008 में हुए बटला हाउस एनकाउंटर की जांच की लगातार मांग कर रही है। पार्टी ने इसके लिए कई बार धरना प्रदर्शन किया है, और गिरफ्तारियां दी हैं। उलेमा कौंसिल पिछले 6 साल से 19 सितंबर को दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रही है।
19 सितंबर 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में बटला हाउस एनकाउंटर के बाद आज़मगढ़ का माहौल बहुत ही तनावपूर्ण हो गया था। पुलिस और इंटेलीजेंस एजेंसियां लगातार निर्दोष लोगों को निशाना बना रही थी। ऐसे लोग सभी वर्ग के लोगों ने एक नया संगठन खड़ा करने की ज़रूरत महसूस की, जो ज़ुल्म के शिकार लोगों की मदद करें और पुलिस की ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठाए। उसी समय ज़िले में एक नया संगठन खड़ा किया। इस संगठन की कमान उलेमाओं के हाथ में थी। इसका नाम भी उलेमा कौंसिल पड़ा। पहले ये अराजनीतिक संगठन था बाद में लड़ाई को मज़बूती देने के इरादे से इसे राजनीतिक दल के रूप में मान्यता हासिल कर ली। उलेमा कौंसिल तब से बटला हाउस की लड़ाई लड़ रही है।