लखनऊ ब्यूरो
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्थित संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच आज से लखनऊ में मुस्लिमों धर्मगुरुओं का सम्मेलन किया। इस सम्मेलन का नारा था- ‘नफरत-जुल्म-दहशत.. भारत छोड़ो भारत छोड़ो।’ इससे पहले राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने रमज़ाम के महीने में संसद भवन परिसर में रोज़ा अफ्तार का आयोजन किया था। सम्मेलन के आयोजकों का दावा किया कि इसमें यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के मुसलामनों ने हिस्सा लिया।
ये सम्मेलन राजधानी रविंद्रालय आडीटोरियम में आयोजित किया गया था। अलहिंद उलेमा कॉन्फ्रेंस में देशभर के 1500 से ज्यादा उलेमाओं ने शिरकत की। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का कहना है कि आरएसएस और मुसलमानों के बीच आपसी समझ बढ़ाने के लिए ये खास पहल की जा रही है। मंच के नेताओं का दावा है कि देशभर में बड़ी संख्या में लोग मंच से जुड़ रहे हैं। इसमें कश्मीर, पंजाब, असम, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के कोने-कोने के उलेमा शामिल हैं। उलेमा कॉन्फ्रेंस ने इसका स्लोगन दिया है- ‘नफरत-जुल्म-दहशत… भारत छोड़ो भारत छोड़ो।’ इसीलिए भारत छोड़ो आंदोलन के तारीख पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आपको बता दें कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच आरएसएस की सहयोगी शाखा है। इसने कुछ दिनों पहले ही रमज़ान के दौरान दिल्ली में संसद परिसर समेत कई जगहों पर मुस्लिमों के लिए कई इफ्तार पार्टियों का भी आयोजन किया था। इन इफ्तार पार्टियों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया था।
संघ के केंद्रीय प्रचारक और कार्यक्रम के संयोजक इन्द्रेश कुमार ने कहा कि मोहम्मद साहब ने शांति का पैगाम दिया। सभी मजहब वाले उसे ऊपर वाला कहते हैं, इंसान एक-दूसरे की इज्जत करे, सच्चा मुसलमान, सच्चा हिन्दुस्तानी बने। उन्होंने कहा कि इस्लाम की तालीम काफिर बनाने से रोकती है। मुसलमानों को अपने बच्चों को वतन की तालीम भी सिखानी होगी.
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि याकूब मेमन को फांसी देने के समय घर वालों को बुलाया गया। अपनी मनपसंद कब्र चुनने को कहा गया। अब हमें ये तय करना है कि अपने बच्चे को कलाम बनाना है या याकूब।
सम्मेलन को लखनऊ में करने का मकसद यहां मौजूद कई बड़े मौलानाओं को बुलाना था। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने करीब सबकों आमंत्रित भी किया था लेकिन शहर में मौजूद रहने के बावजूद ज़्यादातर मौलानाओं ने सम्मेलन से दूरी बनाए रखी। ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमात-ए-उलेमा ए हिंद जैसे संगठनों से जुड़े लोग भी सम्मेलन में कहीं दिखी नहीं दिए। पर्सनल ला बोर्ड के सदर मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी, मौलाना इरफान मियां फिरंगीमहली, मौलाना कल्बे सादिक, मौलाना कल्बे जव्वाद, मौलाना खालिद रशीद समेत कई धर्मगुरु लखनऊ में मौजूद थे। इस संबंध में जब बात की गई तो इन धर्मगुरुओं ने अपने पहले से तय कार्यक्रम का हवाला दिया।
कार्यक्रम में जमात उलेमा हिंद के मौलाना शुएब कासमी मौजूद थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आरएसएस के इंद्रेश कुमार ने की। बताते चले कि समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद ब्लास्ट, मालेगांव ब्लास्ट जैसे कई केस में बंद आरोपियों से इंद्रेश कुमार के संबंध को लेकर कई खबरे सामने आ चुकी है।