आज़मगढ़ के दो मुस्लिम नौजवान जयपुर में गिरफ्तार

संदेह के आधार पर पुलिस ने की गिरफ्तारी, विरोध में प्रदर्शन

जयपुर, राजस्थान
जयपुर पुलिस ने संदेह के आधार पर दो बेकसूर मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों नौजवान जेल में बेद अपने भाई को ईद के कपड़े और तोहफे देने आए थे। इस गिरफ्तारी का भारी विरोध हुआ जिसके चलते दोनों को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। सामाजिक संगठनों ने जयपुर पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है।
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की ख़बर के मुताबिक गिरफ्तार किए गए नौजवान मोहम्मद अरमान ने बताया कि वह जयपुर जेल में बंद अपने भाई मोहम्मद सलमान को ईद के कपड़े और कुछ तोहफे देने आया था। मोहम्मद सलमान साल 2008 में जयपुर में हुए बम धमाकों के आरोप में जेल में बंद है। मोहम्मद अरमान और उसके चचेरे भाई मोहम्मद अरसलान को जयपुर पुलिस ने इतवार को दिन में 4 बजे गिरफ्तार किया। दोनों भाईयों की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही मानवाधिकार और सामाजिक संगठनों की हुई, वह वह कुछ ही घंटों में थाने पहुंचे। पुलिस ने गिरफ्तार बेकसूर नौजवानों को कोर्ट में पेश किया जहां उन्हें ज़मानत मिल गई। मानवाधिकार और सामाजिक संगठनों ने पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना करते हुई इसे पक्षापातपूर्ण कार्रवाई करार दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों नौजवान युवकों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। जब उनके पूछताछ हुई तो युवकों ने बताया कि वह जयपुर ब्लास्ट के आरोप में जेल में बंद अपने भाई से मिलने आए हैं। पुलिस ने तभी उन्हें गिरफ्तार किया। ये बातें कोतवाली एसएचओ चिरंगी लाल ने कही। एसएचओ ने बताया कि पुलिस ने उन्हें आईपीसी की धारा 109 के तहत गिरफ्तारी की है।
गिरफ्तार बेकसूर मुस्लिम नौजवान मोहम्मद अरमान और उसका चचेरा भाई मोहम्मद अरसलान संजरपुर, आज़गढ़ के रहने वाले है। अरमान आज़मगढ़ में पढ़ाई कर रहा है। अरमान ने बताया कि हम जयपुर के लिए रात 9:30 बज़े दिल्ली से चले और सुबह 3 बजे जयपुर पहुंचे। उसके बाद हमने मुसाफिरखाना के लिए ऑटों लिया। कुछ ही देर में पुलिस वालों ने हमें रोक लिया और हमारा परिचय पत्र मांगा। पुलिस ने हमने पूछा कि हम जयपुर किस लिए आएं हैं। जब हमने बताया कि हम अपने भाई से मिलने आएं हैं तो पुलिस वालों ने हमसे दुर्व्यवहार किया। पुलिस ने हमारी तलाशी ली। अरसलान ने बताया कि पुलिस वाले हमें थाने ले गए, हमें गालियां दी गई और लॉकअप में डाल दिया गया। इसके बाद मोहम्मद अरसलान ने किसी तरह अपने पिता को फोन पर जानकारी दी। अरसलान के पिता ने तुरंत इसकी जानकारी राजस्थान जमात-ए-इस्लामी के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद निज़ामुद्दीन को दी।
जानकारी मिलते ही जमात-ए-इस्लामी जुड़े लोग ने कई संगठनों के साथ थाने पहुंचे और विरोध दर्ज कराने के साथ कई अधिकारियों को इसका घटना से अवगत कराया। विरोध बढ़ता देख पुलिस ने दोनों को सामान्य धाराओं में कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें तुरंत ज़मानत मिल गई। जमात-ए-इस्लामी के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने पत्रकारों से बात करते हुए इस घटना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस जानबूझ कर और पक्षपातपूर्ण तरीके से मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो नाकाबिले बर्दास्त है।
ख़बर लिखे जाने तक दोनों नौजवान रास्ते में हैं और अपने गांव लौट रहे हैं।