वकील उज्जवल निकम का लाई डिटेक्टर टेस्ट हो: मौलाना रशादी 

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लखनऊ, यूपी

उलेमा कौंसिल राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि मुंबई के 26/11 के हमले का केस देख रहे पब्लिक प्रासिक्यूटर उज्जवल निकम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मौलाना रशादी ने कहा कि वकील उज्जवल निकम ने हेडली के बयान से पहले ही 26 फरवरी को ही एक नेशनल चैनल पर ही कह दिया था कि वह 8 फरवरी को एक बड़ा खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि 8 फरवरी को ही डेविड हेडली की गवाही हुई और इसमें इशरत जहां को आतंकवादी बताया गया।

दरअसल अमरीकी जेल में बंद मुंबई आतंकी हमले का आरोपी मुख्य अभियुक्त डेविड कोल्मन हेडली का मुंबई के विशेष न्यायलय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा गवाही हुई है। इस दौरान बयान में 2004 में गुजरात पुलिस द्वारा मारी गयी इशरत जहाँ को लश्करे तैयबा का आत्मघाती दस्ते का सदस्य बताया था। गुजरात पुलिस, आईबी और अन्य एजेंसियों के अनुरूप लश्करे तैयबा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क़त्ल करने का षड़यंत्र रचा था। इशरत जहां और उसके कथित साथी इस षड़यंत्र को अंजाम देने के उद्देश से गुजरात में दाखिल हुए थे। जिसको इनकाउंटर में मार दिया गया है।

भारतीय मुसलमानों के विरुध्द सुनियोजित षड़यंत्र किया जा रहा है। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मलेन में कहा। मौलाना रशादी ने कहा कि सवाल ये उठता है की गुजरात पुलिस को यह कैसे मालूम हुआ कि इशरत जहां और उसके साथी लश्करे तैयबा से सम्बन्ध रखते है ? और सीएम नरेंद्र मोदी को मारने आये थे ? इससे साफ़ स्पष्ट होता है कि गुजरात पुलिस और महाराष्ट्र एटीएस की मिली भगत से इस फ़र्ज़ी इनकाउंटर को अंजाम दिया गया

मौलाना रशादी ने कहा कि यह भी साफ़ हो जाता है कि गुजरात पुलिस ने महाराष्ट्र एटीएस के सहयोग से उनको गिरफ्तार किया और पूछताछ की। उन्होंने मुर्दो से तो पूछताछ नहीं की होगी… इन सब के जीवित रहते हुए ही यह बयान दिया होगा कि वह लश्कर के सदस्य थे और नरेंद्र मोदी को मारने आये है। मौलाना रशादी ने कहा कि इशरत जहां इनकाउंटर फ़र्ज़ी इनकाउंटर था इसकी पुष्टि तमाम जाँच कमेटिया चाहे वह लोकल बॉडी मजिस्ट्रेट या सीबीआई यहाँ तक की उच्चतम न्यायलय के आदेश पर गुजरात उच्य न्यायलय द्वारा गठित एसआईटी ने भी इस इनकाउंटर के फ़र्ज़ी होने पर मोहर लगाई थी। एसआईटी जाँच के आधार पर ही गुजरात के तत्कालीन डीआईजी समेत उन तमाम पुलिस वालो को अभियुक्त बनाया था और उन्हें सालों तक जेल की हवा खानी पड़ी थी। साथ ही सीबीआई ने अपने अंतिम क्लोज़र रिपोर्ट में इस फ़र्ज़ी इनकाउंटर को क़त्ल स्वीकार किया था। मौलाना रशादी ने यह भी सवाल खड़ा किया कि सरकारी वकील उज्जवल निगम ने एनडीटीवी के एक शो में कहा था कि 8 फरवरी को एक अहम खुलासा होने वाला है। उज्जवल निगम का हेडली को तीन मुस्लिम महिलाओ का नाम देना भी समझी बूझी साजिश का एक हिस्सा है।

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राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ये प्रश्न राजनाथ सिंह के बयान पर भी उठता है कि एक तरफ पाकिस्तान हमारे देश में आतंकी कार्यवाहियो से बाज़ नहीं आ रहा है औऱ पठान कोट जैसी वारदातें हो रही है। सबूत पर सबूत भारत को मिल रहे है फिर भी देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह कहते है कि पाकिस्तान हमारा पडोशी देश है इससे सम्बन्ध अच्छे रहेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाकर केक खा रहे है और सैनिक गोली खा रहे है। पूरी केंद्र सरकार पाकिस्तानी हो गयी है।

मौलाना रशादी ने आरोप लगाया कि पूरे देश में सरकारों और जाँच एजेंसियों की मिली भगत से मुसलमानो पर आतंकवाद के झूठे आरोप लगा कर मुस्लिम नौजवानों और धर्मगुरुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और मुस्लिम समाज को बदनाम करने और हिन्दू और मुसलमान के बीच घृणा पैदा करने कि साजिशें रची जा रही है, जो खुला “सरकारी आतंकवाद” है। किसी भी हाल में देश व सभ्य समाज के लिए बेहतर नहीं है।

पत्रकारों के प्रश्न का उत्तर देते हुए मौलाना रशादी ने यह भी कहा कि इशरत जहाँ दहशतगर्द थी या नहीं इसका फैसला कोर्ट को करना है, लेकिन अहम सवाल यह पैदा होता है कि जिस इनकाउंटर को देश की सभी एजेंसियों ने फ़र्ज़ी करार दे दिया है उसको एक विदेशी के बयान पर देश के सभी न्यायालयों व जाँच एजेंसियों को गलत साबित किया जा रहा है। क्या सिर्फ हेडली सही है ? वही हेडली जिसको तीन देशों ने डबल एजेंट करार दे रखा है। स्वयं सरकारी वकील उज्जवल निगम ने भी ट्रिपल एजेंट कहा है। तमाम सच्चाइयों को देखते हुए कुछ न कुछ दाल में काला है। बल्कि यह कहना गलत नहीं होगा कि पूरी दाल ही काली लगती है क्यों कि गवाही 26 /11 /8 के सम्बन्ध में हो रही है इसमें इशरत कहा से आ गई।